स्वच्छ छवि, सख्त प्रशासन और तेज़ विकास ने नौ माह में विकास शर्मा को बना दिया रूद्रपुर का सबसे प्रभावशाली राजनीतिक चेहरा
महापौर विकास शर्मा के नेतृत्व में रूद्रपुर ने पकड़ी नई रफ्तार
- रूद्रपुर। नगर निगम की कमान संभाले अभी एक वर्ष भी पूरा नहीं हुआ है, लेकिन महापौर विकास शर्मा ने इतने कम समय में यह स्पष्ट कर दिया है कि वे केवल प्रशासनिक औपचारिकताओं तक सीमित रहने वाले जनप्रतिनिधि नहीं हैं। स्वच्छ छवि, पारदर्शी कार्यशैली और निर्णायक नेतृत्व के बल पर उन्होंने रूद्रपुर की राजनीति और शहरी प्रशासनकृदोनों में नई कार्यसंस्कृति स्थापित की है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की “फैसला-कार्रवाई-परिणाम” की कार्यशैली को स्थानीय स्तर पर जमीन पर उतारते हुए महापौर विकास शर्मा ने यह सिद्ध किया है कि यदि नेतृत्व में इच्छाशक्ति हो तो वर्षों से जड़ जमा चुकी व्यवस्थाएं भी बदली जा सकती हैं।
भारतीय जनता पार्टी में लगभग ढाई दशक की संगठनात्मक तपस्या के बाद 2024 के निकाय चुनाव में पार्टी ने उन्हें महापौर पद की जिम्मेदारी सौंपी। रिकॉर्ड मतों से मिली जीत ने जहां संगठन के विश्वास को मजबूत किया, वहीं जनता की अपेक्षाओं का दायरा भी व्यापक कर दिया। चुनाव उपरांत आमतौर पर जो शंकाएं उठती हैं कि वादे फिर फाइलों में दब जाएंगेकृउन्हें महापौर ने फरवरी 2024 में कार्यभार संभालते ही जमीनी कार्रवाई से गलत साबित कर दिया।
नौ माह में बदला शहर का मिज़ाज
बीते नौ महीनों में नगर निगम की कार्यशैली में आई गति ने शहर का मिज़ाज ही बदल दिया है। किच्छा रोड पर वर्षों से जमा कचरे का पहाड़, जो रूद्रपुर की पहचान पर धब्बा बन चुका था, उसका पूरी तरह हटना केवल स्वच्छता अभियान नहीं बल्कि प्रशासनिक दृढ़ता का प्रतीक बना। फुटपाथों पर वर्षों से चली आ रही अव्यवस्था को समाप्त करने के लिए वेंडिंग ज़ोन का निर्माण एक ऐसा फैसला था, जिसमें विरोध की आशंका थी, लेकिन परिणाम सामने आने के बाद व्यापारी और आमजनकृदोनों ने इसे शहरहित में बताया।
स्वच्छता में ऐतिहासिक छलांग
महापौर के नेतृत्व में रूद्रपुर नगर निगम ने स्वच्छता के क्षेत्र में वह छलांग लगाई है, जो पूरे प्रदेश के लिए उदाहरण बन गई है। कभी राष्ट्रीय स्वच्छता रैंकिंग में 417वें पायदान पर खड़ा रूद्रपुर आज देश के शीर्ष 100 शहरों में शामिल होकर 68वें स्थान पर पहुंच चुका है और उत्तराखंड में प्रथम स्थान पर है। स्कॉच अवार्ड, सुंदरलाल बहुगुणा पर्यावरण अवार्ड सहित चार प्रतिष्ठित सम्मानों ने इस बदलाव पर आधिकारिक मुहर लगा दी है। यह उपलब्धि योजनाओं से अधिक निरंतर मॉनिटरिंग और स्पष्ट नेतृत्व की कहानी कहती है।
फैसले, जिनसे बदली व्यवस्था
नगर निगम बोर्ड की पहली ही बैठक में 56 विकास कार्यों को स्वीकृति देना और अधिकांश पर तत्काल कार्य शुरू कराना महापौर विकास शर्मा की कार्यशैली को परिभाषित करता है। इसके बाद हालिया बोर्ड बैठक में 70 से अधिक योजनाओं को मंजूरी मिलना इस बात का संकेत है कि शहर का शहरी ढांचा आने वाले वर्षों में पूरी तरह नया स्वरूप लेगा। मुख्य बाजार में अतिक्रमण, अवैध ठेलियां और अव्यवस्थित यातायातकृये सभी समस्याएं वर्षों से बनी हुई थीं। पहले संवाद, फिर चेतावनी और अंततः सख़्त कार्रवाई-इस संतुलित रणनीति ने यह साबित किया कि प्रशासनिक सख़्ती और जनसंवेदनशीलता एक साथ चल सकती है। वीर हकीकत राय मार्ग को ‘मॉडल स्ट्रीट’ के रूप में विकसित करने की योजना और गांधी पार्क के कायाकल्प की योजना रूद्रपुर को आधुनिक शहरी पहचान देने की दिशा में निर्णायक कदम है।
कानून से ऊपर कोई नहीं
लैंड जिहाद और अवैध कब्जों के खिलाफ महापौर का रुख पूरी तरह स्पष्ट और निर्भीक रहा है। खेड़ा क्षेत्र में धार्मिक संस्था की आड़ में कब्जाई गई लगभग सौ करोड़ रुपये की भूमि को मुक्त कराना हो या किच्छा रोड की बेशकीमती निगम भूमि को वापस लेनाकृइन कार्रवाइयों ने यह संदेश दिया कि कानून से ऊपर कोई नहीं। नशा माफियाओं के खिलाफ बुलडोजर कार्रवाई ने भी शहर में यह स्पष्ट कर दिया है कि रूद्रपुर में अपराध और अराजकता के लिए कोई जगह नहीं है।
मुख्यमंत्री से तालमेल, शहर को सीधा लाभ
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से महापौर विकास शर्मा के आत्मीय और कार्यकारी संबंधों का प्रत्यक्ष लाभ रूद्रपुर को मिल रहा है। गांधी पार्क का सौंदर्यीकरण, प्रमुख सड़कों का चौड़ीकरण, अटरिया रोड पर अंडरग्राउंड नाला, ट्रांजिट कैंप में रजत जयंती पार्क, बाजार क्षेत्र के इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट ये सभी योजनाएं स्वीकृति के साथ धरातल पर उतरने की प्रक्रिया में हैं। आने वाले समय में लगभग 33 करोड़ रुपये की विकास योजनाएं रूद्रपुर को मिलने जा रही हैं, जो शहर के भविष्य की तस्वीर बदलने वाली हैं।
पारदर्शिता, निष्पक्षता और निर्णायक नेतृत्व के चलते महापौर विकास शर्मा ने न केवल सत्तापक्ष, बल्कि विपक्ष और आम नागरिकों के बीच भी भरोसे की जगह बनाई है। यह कहना गलत नहीं होगा कि अपने कार्यकाल की शुरुआत में ही उन्होंने रूद्रपुर की राजनीति और प्रशासन-दोनों में स्थायी छाप छोड़ दी है। आज सत्ता पक्ष के साथ साथ विपक्ष के लोग भी विकास शर्मा की कार्यशैली के कायल हैं।
नौ माह में रूद्रपुर की बड़ी उपलब्धियां
- स्वच्छता रैंकिंग में देश में 417 से 68वें स्थान पर छलांग
- किच्छा रोड से वर्षों पुरानी कचरा समस्या का पूर्ण समाधान
- मुख्य बाजारों से अतिक्रमण हटाकर सुगम यातायात व्यवस्था
- गांधी पार्क के सौंदर्यीकरण हेतु बजट स्वीकृत
- ट्रांजिट कैंप में रजत जयंती पार्क की स्वीकृति
- नेताजी सुभाष चंद्र बोस की भव्य प्रतिमा हेतु बजट स्वीकृत
- आवारा पशुओं से निजात के लिए गौशाला निर्माण
- नशा माफियाओं पर बुलडोजर कार्रवाई
- नगर निगम की 150 करोड़ से अधिक की भूमि अतिक्रमण मुक्त
- आठ आयुष्मान आरोग्य केंद्रों की स्थापना
- जनसुविधा के लिए नगर निगम के चार जोनल कार्यालय संचालित
- अटरिया मंदिर रोड पर भूमिगत नाला व सड़क चौड़ीकरण स्वीकृत
- गंगापुर रोड चौड़ीकरण को मंजूरी
- नगर निगम की चार मंजिला नई इमारत हेतु बजट स्वीकृत
- स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स की स्वीकृति
- बजाज ऑटो के सहयोग से रम्पुरा में सखी ट्रेनिंग सेंटर
- इंदिरा चौक पर विशाल त्रिशूल स्थापना के लिए बजट स्वीकृत
ये सभी उपलब्धियां महापौर विकास शर्मा के परिणामोन्मुख और निर्णायक नेतृत्व की पहचान बन चुकी हैं।